School Song
 
 
 
वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जाए ।
पर सेवा पर उपकार में हम,
निज जीवन सफल बना जाए ॥

हम दीन-दुखी निबलो-विकलो,
के सेवक बन संताप हरे ।
जो हो भूले भटके बिछूर्रे,
उनको तारे खुद तर जाए ॥

छल द्वेष-दंभ पाखण्ड-झूठ,
अन्याय से निसि दिन दूर रहे ।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
शुचि प्रेम-सुधा रस बरसाए ॥

निज आन मान-मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे ।
जिस देव ब्रम्ह में जन्म लिया,
बलि दान उसी पर हो जाए ॥

कर्त्तव्य मार्ग पर डट जाए,
वह शक्ति हमें दो दयानिधे ।
पर सेवा पर उपकार में हम,
निज जीवन सफल बना जाए ॥

 

 
Last updated on : 05/12/2024
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